Support & Resistance क्या होता है ?
यह Generally shares के demand और Supply पर निर्भर करता है। जब market मे ज्यादा share बेचे जाते हैं" तब share की कीमत गिरने लगती है और बाजार में मंदी आने लगता है। और जब share का demand (मांग) बढ़ने लगता तब share price भी बढ़ने लगता है और ऐसे में तेजी का माहौल तैयार होता है ।
(i) Support :
जब किसी Share का Price गिरता है और किसी बिंदु से वापस उठना शुरू कर देता है । जैसा कि चित्र में बिंदु (a) पर और कुछ ऊपर जाने के बाद फिर से गिरता है और बिंदु (b) पर जाकर वापस उठना प्रारंभ कर देता है और इस प्रकार यह price बार- बार गिरकर उसी बिंदु से ऊपर उठता है तो उन बिंदुओं (a, b, c, d) को मिलाने वाली रेखा support line कहलाता है।
उस line पर जितनी बार गिरकर ऊपर उठता है price उतना strong support माना जाता है। और अगर उस Support line को break करके price नीचे जाता है तब price बहोत ज्यादा गिरने का संभावना रहता है।
Note :
> अगर हमने किसी share को खरीदा है तो support line के ठीक नीचे हमें Stop loss लगाकर रखना चाहिए।
> Support line अलग - अलग trend में निम्नानुसार हो सकते हैं -
(ii) Resistance :
> चित्र के अनुसार जब Stock का price बढ़ता है और किसी बिंदु पर पहुँचने के बाद वापस नीचे गिरने लगता है,और पुन: ऊपर की ओर बढ़ता है और तब फिर से उसी line को छू कर वापस गिरने लगता है, तब उस line को Resistance line कहते हैं।
> यह Resistance line बार- बार price को नीचे गिराने का प्रयास करता है। और जितनी बार यह price को गिराने में सफल होता है उतना ही strong Resistance माना जाता है। और इसी line को हम Resistance line कहते हैं।
और यदि यह price, Resistance line को तोड़कर breakout ऊपर की तरफ देता है तो stock का price बहोत ही ऊपर तक जा सकता है ।
Note :
> अगर हमें कोई share खरीदना हो तो हमें Resistance level के ऊपर break out देने पर खरीदना चाहिए।
> Resistance line अलग-अलग trend में अलग-अलग प्रकार के होते हैं। नीचे देखें ...
(iii) Support Resistance :
> ऊपर आप चित्र में देख सकते हैं stock का price Side ways में चल रहा है यानी की एक fix Range में Support और Resistance के बीच घूम रहा है।
> और जैसे ही आगे चलकर price हमारे (R-1) Resistance का break out करता है उसके बाद जो पहला (R-1) Resistance था वही अब (S-2) Support का काम करेगा और (R-2) एक नया Resistance level का काम करेगा।
Note :
> इसमें हम trade लेने के लिए break out का इंतजार करते हैं। और जैसे ही (R-1) का break out होता है हम (R-1) के उपर Entry लेते हैं और (S-2) के नीचे का Stop loss लगाते हैं और हमारा target (R-2) Resistance level होता है।
> ऊपर आप चित्र में देख सकते हैं कि stock का price पहले R1 Resistance और S1 Support के बीच Side ways trend में घूम रहा था।
> और बाद में जब stock price S1 level को Break down किया तब price नीचे गिरने लगा और S2 नया Support level बनाया और पुराना Support S1 अब Resistance R2 बन गया है। यानि पहले जो Support था वह अब Resistance का काम कर रहा है।
Note :
> इसमें जब break down होता है तब हम Short Selling कर सकते हैं और R2 के ऊपर stop loss और (S2) पर target बना सकते है।
> या अगर कोई stock पहले से buy किए हों तब break down से पहले ही S1 के नीचे Stop loss लगाकर रखना चाहिए।
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