मोबाईल क्रांति पर निबंध
प्रस्तावना :-
भारत में मोबाईल क्रांति ने ऐसा चमत्कार किया है कि 85 करोड़ से अधिक लोग मोबाईलधारी हो गए है । वैसे दुनिया में मोबाईल धारकों की संख्या अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन के मुताबिक इस वर्ष पाँच अरब तक पहुँच गई है । भारत में 31 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास शौचालय है जबकि 57 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास मोबाईल । लिहाजा मोबाईल गवर्नेस का दायरा बढ़ता जा रहा जा रहा है।दुनिया आपकी मुट्ठी में :-
मोबाईल की दुनिया के इस स्लोगन में वह तासीर है कि हर वर्ग इससे जुड़ता ही या यूँ कहें कि इसकी गिरफ्त में आता जा रहा है । मोबाईल को लोग जहाँ अपना स्टेट्स सिंबल मानने लगे हैं , वहीं अब आम आदमी की जिंदगी का एक अनिवार्य अंग जैसा बन गया है ।सामाजिक , आर्थिक विकास की क्रांति में मोबाईल फोन का सकारात्मक योगदान है । मोबाईल लोगों को न केवल नजदीक ले आया है बल्कि सूचना संपन्न कराने में भी अहम् भूमिका निभा रहा है । मोबाईल ने सूचना तक पहुँच का लोकतंत्रीकरण किया है और आर्थिक मौके भी तैयार किये हैं । मोबाईल टेक्नोलॉजी शहरी संपन्न और ग्रामीण वंचित वर्ग के बीच व्याप्त तकनीकी खाई को पाटने के क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरा है ।
सूचना प्राप्ति के क्षेत्र में :-
मोबाईल गवर्नेस के कुछ उदाहरण हमारे सामने हैं । मसलन - मोबाईल गवर्नेस का पहला और सबसे बड़ा नमूना है नंबर 139 के जरिए एस एम एस आधारित रेलवे की वह पूछताछ सेवा है जिसका प्रतिदिन 5 लाख लोग उपयोग करते हैं । एस. एम. एस. द्वारा परीक्षा परिणामों की जानकारी लेना - देना , शासन तथा निजी स्तर पर एस एम एस के जरिए आम जन की समस्याओं को एकत्रित कर उसका समाधान करना ऐसे ही उदाहरण है । इतना ही नहीं मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में जो कार्य के द्वारा संचालित हो रहे हैं । उनकी संपूर्ण अद्यतन जानकारी एस एम एस के द्वारा लेना । एस एम एस के माध्यम से प्रतियोगितायें और वोट कराना । मोबाईल के जरिये इंटरनेट से जुड़े रहना , एस एम एस के माध्यम से लोग नि : शुल्क तथा नाममात्र के शुल्क पर अपना संदेश पहुँचाने की सुविधा आखिर मोबाईल ने ही तो मुहैया किया है ।समाचार व विज्ञान के क्षेत्र में :-
आमजन के लिए मोबाईल पर केंद्रित साउथ एशिया की पहली कांफ्रेंस और प्रदर्शनी का आयोजन 23 जुलाई 2010 को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग , भारत सरकार तथा डिजिटल इम्पावरमेंट फाउंडेशन द्वारा किया गया । साउथ एशिया का पहला एम बिलियंथ अवार्ड भी इसी वर्ष से स्थापित किया इसकी महत्ता को देखते हुए वल्ड समिट अवार्ड मोबाईल का आयोजन दिसंबर 2010 में आबूधाबी में होने जा रहा है ।Read also :-
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मुंबई नगर निगम के द्वारा एस एम एस के जरिये भुगतान सेवा भी शुरू कर दी है । रेलवे भर्ती बोर्ड चेन्नई द्वारा एस एम एस पर नौकरी संबंधी जानकारी दी जा रही है ।
चुनाव के क्षेत्र में :-
चुनाव के क्षेत्र में आयोग ने लोकसभा चुनाव में मोबाईल गवर्नेस का सर्वाधिक उपयोग किया और शीघ्र ही भारत का चुनाव आयोग मतदाता कार्ड मोबाईल टेक्नोलॉजी के जरिए बनायेगा । उधर , चुनाव आयोग गुजरात ने स्थानीय निकायों के चुनाव में एस एम एस के द्वारा मतदान कराने पर अपनी मोहर लगा दी है । मोबाईल क्रांति का असर यह है कि बड़ी - बड़ी कंपनियाँ , मीडिया घराने और राजनैतिक दल मोबाईल प्रचार अभियान का सहारा ले रहे हैं ।मोबाईल क्रांति की वजह से ही एक मोबाईल कम्पनी ने यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के पाँच गाँवों में मोबाईल फोन मुफ्त में बाँटे।
मध्यप्रदेश के भिंड जिले में बंदूक एक समय वहाँ की आन , बान और शान मानी जाती थी । तत्कालीन कलेक्टर ने नसबंदी कराने वालों को बंदूक का लाइसेंस दिये जाने का 1 अभियान चलाया था । लेकिन अब जिला प्रशासन भिंड ने परिवार कल्याण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोटवारों को प्रेरक बनाया है । ऐसे कोटवार जो कम से कम दस दंपत्तियों को नसबंदी कराने के लिए प्रेरित करेंगे उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप मोबाईल फोन दिये जायेंगे ।
मोबाईल के कुछ दोष भी हैं :-
इसके कुछ दोष भी हैं- अंग्रेजी और हिन्दी का मोबाईल आधारित एस.एम.एस. सेवा बेड़ा गर्ग कर रही है । धन्यवाद को लोग अंग्रेजी में अंग्रेजी के एक ही शब्द को किस प्रकार लिखते हैं एक UT, U2, Tks, Thanx, Thanks, Thax, Thx, Tq , “ जय हो मोबाईल क्रांति की " !उपसंहार :-
मोबाईल विज्ञान क्षेत्र हो या कृषि के क्षेत्र में मोबाईल से तुरन्त पता किया जा सकता है और शिक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक जरूरी है नेट के जरिये आज हम हर जगह की जानकारी व विवरण आँकड़ों को देख सकते हैं । पढ़ाई के लिए आवश्यक है । अतः हम यह कह सकते हैं मोबाईल अलाउद्दीन के चिराग की भाँति कार्य करती है । अतः हमारे जीवन का एक अंग की भाँति बन गया है । अन्तः यह कह सकते हैं ।
' जय हो मोबाईल क्रांति की '
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