तातापानी छत्तीसगढ़
दोस्तों छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थलों के मामले में बहुत अधिक मशहूर है। जिसमें आज हम तातापानी के बारे में पढ़ने वाले हैं जो की बलरामपुर की बहुत ही मशहूर स्थान है, जहां पर लोग दूर-दूर से यहां आते हैं तो चलिए आज का यह पोस्ट प्रारंभ करते हैं।
- तातापानी
दोस्तों छत्तीसगढ़ के अंदर बलरामपुर जिले में बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर तातापानी स्थित है। जो कि प्राकृतिक रूप से निकलते गर्म पानी के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध है। यहां के कुंड में और झरनों में धरातल से 12 हो महीने गर्म पानी का प्रवाह निरंतर रहता है।स्थानीय भाषाओं में गरम का अर्थ होता है ताता इसलिए इस स्थल का नाम तातापानी अर्थात गर्म जल को तातापानी के नाम से जाना जाता है। यहां ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने खेल-खेल में सीता जी की ओर पत्थर फेंका जो कि सीता मां के हाथ में रखे गर्म तेल के कटोरे से जा टकराया गर्म तेल छिड़ककर धरती पर गिरा एवं जहां-जहां तेल की बूंदे पड़ी वहां से गर्म पानी धरती से फुटकर निकलने लगा।
स्थानीय लोग यहां की धरती पवित्र मानते हैं, एवं कहा जाता है कि यहां गर्म पानी से स्नान करने से सभी चरम रोग खत्म हो जाते हैं। इस अद्भुत दृश्य को देखने एवं गर्म पानी का आनंद लेने प्रदेश भर से लोग यहां आते हैं।
यहां के शिव मंदिर में लगभग 400 वर्ष पुरानी मूर्ति स्थापित है। जिसकी पूजा करने हर वर्ष मकर संक्रांति के पर्व पर लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इस दौरान यहां विशाल मेला का आयोजन किया जाता है जिसमें पर्यटक झूले, मीना बाजार व अन्य दुकानों का आनंद ले सकते हैं।
- कैसे पहुंचे
दोस्तों यहां पहुंचने के लिए आप हवाई यात्रा या फिर ट्रेन यात्रा के द्वारा आप पहुंच सकते हैं। यदि आप छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहते हैं। तो आप हवाई यात्रा की मदद से आप स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर छत्तीसगढ़ या फिर बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची झारखंड तक पहुंचे और फिर सड़क मार्ग से बस या किसी अन्य साधन से आप बलरामपुर तक पहुंच सकते हैं। और यदि आप रायपुर से ट्रेन के मदद से आना चाहते हैं तो दुर्ग - अंबिकापुर एक्सप्रेस की सहायता से आप अंबिकापुर तक आ सकते हैं और इसके बाद आप सड़क मार्ग में बस से आप बलरामपुर तक पहुंच सकते हैं।
- स्थान
अंबिकापुर से रामानुजगंज मार्ग पर अंबिकापुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर राजमार्ग से कुछ ही दूरी पर पश्चिम दिशा में एक गर्म जल स्रोत है। इस स्थान पर 8:00 से 10:00 जगह पर गर्म जल के कुंड है। इस गर्म जल के कुंड को सरगुजिया बोली में तातापानी करते हैं।इन गर्म जलकुंड में स्थानीय लोग एवं पर्यटक चावल और आलू को कपड़े में बांधकर पका लेते हैं। तथा पिकनिक का आनंद उठाते हैं। इन कुंडों के जल से हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गंध आती है। ऐसी मान्यता है कि इन जल कुंडों में स्नान करने व पानी पीने से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इन दुर्लभ जल कुंडों को देखने के लिए वर्ष भर पर्यटक यहां आते रहते हैं।
*आपकी यात्रा मंगलमय हो*
-: अन्य :-
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