मेरा देश भारत
भारत, वास्तव में महान है। भारत संतों और यशस्वीयों की शानदार भूमि है, भारत मेरी मातृभूमि है और यही वह भूमि है जहाँ सभी धर्मों के लोग भाइयों की तरह रहते हैं। हिंदू अपने मंदिरों में पूजा करते हैं और मुसलमान अपनी मस्जिदों में पूजा करते हैं। यह एक अनूठा देश है जहाँ हम विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच परस्पर सहयोग पाते हैं। सिखों के गुरुद्वारों को देश के कोने-कोने में चर्च और धर्मसभाएं मिलती हैं। भारत माता एक सुंदर मुकुट पहनती है और यह मुकुट हिमालय का प्रतीक है जहां संतों और द्रष्टाओं के कई पवित्र मंदिर स्थित हैं। उत्तर से आक्रमणों के खिलाफ हिमालय भारत की रक्षा करता रहा है। गंगा, यमुना और कई अन्य नदियों का उद्गम स्थल हिमालय में है और उनके पवित्र जल का उपयोग भारत के विशाल मैदानों को सींचने के लिए किया जाता है। भारत बहुभाषी देश है। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन भारत में एक महान प्राचीन संस्कृति मिली है, जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों को एकजुट करती है।
अपनी शानदार वास्तुकला के साथ पवित्र तीर्थस्थल देश विदेश के हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। मंदिर की वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, नृत्य और संगीत की कलाएँ भारत की सभी कलाओं का निर्माण करती हैं, जो हमारी भूमि में विकसित हुईं और हमारे संत महान संस्कृति के लिए विदेश गए। उपदेश देते हैं कि उनके भारत में बौद्ध धर्म का जन्म हुआ था और हमारे सांस्कृतिक दूतों ने शांति ली। जापान और मध्य पूर्व तक बुद्ध का संदेश। हमें अमेरिकी और यूरोपीय महाद्वीपों में भी उनके धर्म के निशान मिलते हैं।
भारत हमेशा से शांति का देश रहा है। राष्ट्र के पिता ने दुनिया के अन्य देशों में शांति का सुसमाचार फैलाया। भारत महान शहीदों की भूमि है। शहीद भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य इस देश में रहते थे। वे अपनी मातृभूमि की खातिर अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।
यह पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमि थी। नेहरू और महात्मा गाँधी जी जिन्होंने यहाँ महान स्वतंत्रता संग्राम छेड़ा और हमारे राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता हासिल की। भारत प्राचीन विश्व संस्कृति का केंद्र था। मेरा देश अधिक आबादी वाला है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई है।
स्वतंत्रता के बाद की अवधि में भारत ने बहुत प्रगति की है। भारत आज दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में से एक है। हम अपने देश के गरीब आदमी के उत्थान के लिए जीएंगे और काम करेंगे। हम दुनिया में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे। भारत एक महान देश है। मैं अपनी मातृभूमि के महान और गौरवशाली भारत की पूजा करता हूं।
अपनी शानदार वास्तुकला के साथ पवित्र तीर्थस्थल देश विदेश के हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। मंदिर की वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, नृत्य और संगीत की कलाएँ भारत की सभी कलाओं का निर्माण करती हैं, जो हमारी भूमि में विकसित हुईं और हमारे संत महान संस्कृति के लिए विदेश गए। उपदेश देते हैं कि उनके भारत में बौद्ध धर्म का जन्म हुआ था और हमारे सांस्कृतिक दूतों ने शांति ली। जापान और मध्य पूर्व तक बुद्ध का संदेश। हमें अमेरिकी और यूरोपीय महाद्वीपों में भी उनके धर्म के निशान मिलते हैं।
भारत हमेशा से शांति का देश रहा है। राष्ट्र के पिता ने दुनिया के अन्य देशों में शांति का सुसमाचार फैलाया। भारत महान शहीदों की भूमि है। शहीद भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य इस देश में रहते थे। वे अपनी मातृभूमि की खातिर अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।
यह पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमि थी। नेहरू और महात्मा गाँधी जी जिन्होंने यहाँ महान स्वतंत्रता संग्राम छेड़ा और हमारे राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता हासिल की। भारत प्राचीन विश्व संस्कृति का केंद्र था। मेरा देश अधिक आबादी वाला है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई है।
स्वतंत्रता के बाद की अवधि में भारत ने बहुत प्रगति की है। भारत आज दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में से एक है। हम अपने देश के गरीब आदमी के उत्थान के लिए जीएंगे और काम करेंगे। हम दुनिया में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे। भारत एक महान देश है। मैं अपनी मातृभूमि के महान और गौरवशाली भारत की पूजा करता हूं।
जय हिन्द | जय भारत
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दोस्तों इस पोस्ट में हम एक और निबंध निम्नानुसार प्रस्तुत कर रहे है , उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आएंगे ...........!
जय हिन्द | जय भारत
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दोस्तों इस पोस्ट में हम एक और निबंध निम्नानुसार प्रस्तुत कर रहे है , उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आएंगे ...........!
मेरा देश भारत पर निबंध
मेरा देश भारत महान है। हम भारतवासी अपने देश को भारत माता के नाम से पुकारते हैं। यह देश एशिया महाद्वीप के बड़े देशों में से एक है। इसकी जनसंख्या 100 करोड़ से भी अधिक है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र प्रणाली वाला देश है। इसके उत्तर में हिमालय और दक्षिण में हिंद महासागर स्थित हैं। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर लहरें माता है।
यह वह देश है जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता है। हमारा देश कई सौ वर्षों तक परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ा रहा है। इस कारण इसके विकास में बाधा पड़ी रही। पर अब विकास के द्वार खुल गए हैं। वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश पूरे विश्व में ऊंचे स्थान पर होगा।
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन आदि शांति और प्रेम पूर्वक रहते हैं। उन सभी के पूजा स्थल और तीर्थ स्थल भी हैं। यह सभी मिलकर भारत की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
विश्व का सातवां आश्चर्य ताजमहल भारत में स्थित है। मेरे देश भारत की शोभा निराली है। यहां गर्मी सर्दी बसंत पतझड़ सभी ऋतु समय समय पर आती रहती है। यहां कश्मीर जैसी सुंदर वादियां हैं, तो वहीं राजस्थान जैसा विशाल रेगिस्तान भी है। यही राम और कृष्ण ने जन्म लिया था। यही वेदों का ज्ञान ऋषि-मुनियों ने पाया था। यहां की स्त्रियों ने अपने कर्तव्य पालन को ही अपना धर्म मानते हैं। सीता दुर्गावती झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आदि महान नारियां इस भारत में जन्मी थी।
यह वह देश है जहां गंगा, यमुना, सतलज, व्यास, कृष्णा, कावेरी निरंतर अपने जल से सारे भूभाग को सिंचित करती रहती हैं। गंगा नदी को तो उसकी पवित्रता के कारण देव नदी के नाम से भी जाना जाता है। इस 12 माह बहने वाली नदी से भारत का बहुत बड़ा भाग सिंचित होता है। इसके तट पर अनेक तीर्थ स्थल हैं। और बड़े-बड़े नगर भी स्थित है।
मेरा देश भारत धन-धान्य से भरपूर है। यह तो देवभूमि है। यहां हर प्रकार की सुख सुविधा धरती माता हमें देती रहती हैं।
हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन आदि शांति और प्रेम पूर्वक रहते हैं। उन सभी के पूजा स्थल और तीर्थ स्थल भी हैं। यह सभी मिलकर भारत की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
विश्व का सातवां आश्चर्य ताजमहल भारत में स्थित है। मेरे देश भारत की शोभा निराली है। यहां गर्मी सर्दी बसंत पतझड़ सभी ऋतु समय समय पर आती रहती है। यहां कश्मीर जैसी सुंदर वादियां हैं, तो वहीं राजस्थान जैसा विशाल रेगिस्तान भी है। यही राम और कृष्ण ने जन्म लिया था। यही वेदों का ज्ञान ऋषि-मुनियों ने पाया था। यहां की स्त्रियों ने अपने कर्तव्य पालन को ही अपना धर्म मानते हैं। सीता दुर्गावती झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आदि महान नारियां इस भारत में जन्मी थी।
यह वह देश है जहां गंगा, यमुना, सतलज, व्यास, कृष्णा, कावेरी निरंतर अपने जल से सारे भूभाग को सिंचित करती रहती हैं। गंगा नदी को तो उसकी पवित्रता के कारण देव नदी के नाम से भी जाना जाता है। इस 12 माह बहने वाली नदी से भारत का बहुत बड़ा भाग सिंचित होता है। इसके तट पर अनेक तीर्थ स्थल हैं। और बड़े-बड़े नगर भी स्थित है।
मेरा देश भारत धन-धान्य से भरपूर है। यह तो देवभूमि है। यहां हर प्रकार की सुख सुविधा धरती माता हमें देती रहती हैं।
जय हिन्द | जय भारत
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