महात्मा गाँधी पर निबंध - MahatmaGandhi Essay
उस समय भारत अंग्रेजों के अत्याचार से त्रस्त था। गांधीजी ने अफ्रीका में भारतीयों की सहायता कर उन्हें उनके मानव अधिकार दिलाए।
गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। तथा स्वावलंबी थे । इन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग का तथा खादी आंदोलन चलाएं। नमक कानून और जंगल कानून तोड़ा, तथा सत्याग्रह किया। तत्पश्चात देश की स्वतंत्रता के लिए अहिंसा के बल पर स्वतंत्रता संग्राम में जुटे रहे।
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देश के नेताओं, शहीदों और देशभक्तों को एकत्र कर भारत छोड़ो आंदोलन चलाया इन्हें कई बार अंग्रेजों ने जेल में डाला। पर उनके विचार दृढ़ रहे गांधी जी ने हरिजनों का उद्धार किया। शराबबंदी और हिंदू - मुस्लिम एकता के लिए सतत प्रयत्न किए।
15 अगस्त 1947 में भारत आजाद हुआ। और 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने प्रार्थना सभा में गांधी जी को गोली से मार कर हत्या कर दिया। और गांधीजी 'हे राम' कहकर बापू ने अपने प्राण त्याग दिए।
यह सच्चे देशभक्त महान संत समाज सुधारक थे जिन्हें हम राष्ट्रपिता या बापू भी कहते हैं। गांधीजी खादी के वस्त्र पहनते थे। खुद चरखा चलाकर सूट काटते थे इनके साथ इनकी पत्नी कस्तूरबा भी कदम मिलाकर चलती रही।
'वैष्णव जन तो तेणे 'कहिए' और 'रघुपति राघव राजा राम'' इनके प्रिय भजन थे।
बापू सदा अमर रहेंगे !
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